नैयाड


नैयाड
               
नैयाड नेप्च्यून का निकटतम चन्द्रमा है | यह गोलाकार रूप धारण करने के लिहाज से बहुत छोटा पिंड है | इसका अनियमित आकार क्षुद्रग्रह के ज्यादा क़रीब है | नैयाड की खोज वॉयजर द्वितीय ने 1989 में की थी | उसके बाद नेप्च्यून का यह चांद खो गया था। हबल दूरबीन की प्रेषित तस्वीरों मे आज यह फ़िर उभर आया है। हालांकि प्राप्त तस्वीरें काफी धूमिल है पर मार्क शोवाल्टर ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर एकदम नई तकनीक का प्रयोग कर इसे फ़िर से खोज लिया। नैयाड का व्यास करीब 54 किमी है। यह प्रत्येक सात घंटे और छह मिनट मे नेप्च्यून का एक चक्कर काटता है। नेप्च्यून के बादलों के शीर्ष से करीब 23,200 किमी की दूरी पर रहते हुए यह नेप्च्यून के घूर्णन की दिशा में परिक्रमा करता है। नैयाड हमेसा नेप्च्यून के विषुववृत्त तल के करीब बने रहता है। नैयाड पर भूवैज्ञानिक गतिविधियों के कोईं संकेत नहीं मिले है।