सेरेस

सेरेस


सेरेस मुख्य क्षुद्रग्रह पट्टिका का सदस्य है। यह 2.7 खगोलीय इकाई की दूरी पर रहकर सूर्य की परिक्रमा करता है। हालांकि यह एक बड़ा क्षुद्रग्रह है पर चमकदार नहीं है क्योंकि इसकी सतह गहरे रंग की है | यह अपनी सतह पर आपतित प्रकाश का महज 9% हिस्सा ही परावर्तित कर पाता है। इसलिए सेरेस अपनी चमक के शीर्ष स्तर पर भी नग्न आँखों से दिखाई नहीं देता।

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वह 1801 की काली रात थी। सिसली खगोलविद ग्यूसेप पियाजी धूमकेतुओं की ताक में बैठे थे। उन्हें तारों जैसी एक छोटी सी चीज नजर आई। वह हर रात्रि आसमान में धीमे-धीमे खिसकती जा रही थी। ग्यूसेप पियाजी ने सोचा उन्होंने एक धूमकेतु को पाया है। जांचने पर पता चला कि इसकी एक कक्षा है, जिसका मार्ग सूर्य के इर्दगिर्द है, जो किसी धूमकेतु की बजाय ग्रह का मार्ग ज्यादा प्रतीत हो रहा था। उन्होंने इसका नाम सिसली की पौराणिक देवी पर सेरेस रखा। पर वह मायूस हो गये जब उन्होंने इसके आकार की गणना की। सेरेस का व्यास 500 मील (800 किमी) से कम है। यह मुश्किल से हमारे चांद का एक चतुर्थांश है। यह इतना बड़ा नहीं कि ग्रह का दर्जा पा सके।