सौरमंडल |
सौरमंडल, सूर्य व अपनी-अपनी कक्षाओं में उसकी परिक्रमा कर रहे ग्रहों, उपग्रहों, पिंडकों, धूमकेतुओं, असंख्य उल्काओं से बनी एक इकाई है। सूर्य इस इकाई का केंद्र बिंदु है। यह पूरी प्रणाली सूर्य के गुरुत्व से संचालित होती है। अरबो साल पहले वर्तमान सौरमंडल की जगह एक विशाल गैस का बादल था। कालांतर में इसके भिन्न-भिन्न हिस्सों ने संघनित होकर विविध प्रकृति के खगोलीय पिंडों का रूप धारण कर लिया। यह पूरी प्रणाली सूर्य के गुरुत्व प्रभाव में एक सूत्र में बंध गई। इस तरह से सौरमंडल ने अपने वर्तमान स्वरुप को प्राप्त किया है। वैज्ञानिक सौरमंडल के निर्माण के लिए इसी प्रक्रिया को उत्तरदायी ठहराते है। वॉयेजर प्रथम सौरमंडल के छोर तक पहुचने वाला एक मात्र अंतरिक्ष यान है।
आज से पचास वर्ष पूर्व, सौर परिवार में एक केंद्रीय सूर्य, नौ ग्रह, 31 उपग्रह, और हजारों की संख्या में धूमकेतु व क्षुद्रग्रह शामिल थे। जब अंतरिक्ष युग का आगमन हुआ, संवेदनशील भूआधारित उपकरणों का और अधिक विकास हुआ, खगोलीय वस्तुओं की सूची में उल्लेखनीय इजाफा हुआ। आज, खगोलीय समुदाय, आठ ग्रह व पांच वामन ग्रह, 150 से ज्यादा उपग्रह, असंख्य छोटे छोटे पिंडक, और हजारो की संख्या में धूमकेतु व नेप्चून की कक्षा से परे क्यूपर पट्टिका वस्तुओं, की पहचान कर चुका है।