तारा

तारा 


एक गैसीय पिंड, जो नाभिकीय संलयन द्वारा स्वयं के भीतर उत्पन्न विकिरण उत्सर्जित करता है। मुख्य रूप से हाइड्रोजन व हीलियम से बने होते है। तारा अपने भीतर उत्पादित बल और गुरुत्वाकर्षण बल के बीच एक बारीक संतुलन बनाएं रखता है। अनेकों तारे द्विपदीय या बहुल प्रणालियों से संबंधित है।

जब अंतरतारकीय सामग्री वाले ढह रहे बादल के भीतर का तापमान व दबाव परमाणु प्रतिक्रियाओं के आरंभ होने का कारण बनता है, तारे की जीवन यात्रा शुरू होती है। करीब 0.08 सौर द्रव्यमान के नीचे, हालात उस बिंदु तक नहीं पहुंच पाता जहां नाभिकीय संलयन हो सकता है। लगभग 150 सौर द्रव्यमान से ऊपर, तारा अस्थिर हो जाता है। तारे के द्रव्यमान का उसके विकास पर काफी प्रभाव पड़ता है।