तारों का वर्गीकरण |
तारों का रंग उनके तापमान पर निर्भर करता है। और तारों का तापमान उनके द्रव्यमान पर निर्भर करता है यानी कि जिस तारे का जितना अधिक द्रव्यमान होगा, उसका तापमान भी उतना अधिक होगा। हमारी आकाशगंगा में कुछ तारे लाल रंग के, कुछ हल्के पीले रंग के, कुछ नीले तो कुछ सफेद रंग के होते है। नीले, पीले और सफेद रंग के तारों का तापमान अधिक जबकि लाल रंग के तारों का तापमान कम होता है। इस तरह मूल रूप से तारों को रंगों के आधार पर 7 भागों में बांटा गया है। इस वर्गीकरण में अंग्रेजी के वर्णमाला का उपयोग किया गया है- O, B, A, F, G, M, K । 'O' और 'B' वर्ग में क्रमशः नीले और हल्के नीले रंग के तारे आते है। इनका रंग बहुत चमकीला होता है। 'O' वर्ग तारों की खासियत है कि इनका तापमान 25 हजार डिग्री सेल्सियस से अधिक यानी कि सबसे अधिक होता है। 'B' वर्ग के तारों का तापमान 15 से 25 हजार डिग्री सेल्सियस के बीच होता है। 'A' वर्ग के तारे सफेद रंग के होते है। इनका तापमान 11 हजार डिग्री सेल्सियस के आसपास होता है। इसी तरह वर्ग 'F' में हल्के पीले, 'M' में लाल और 'K' में नारंगी रंग के तारे आते है। 'G' वर्ग के तारों का रंग पीला होता है। इनका तापमान 6 हजार डिग्री सेल्सियस के आसपास होता है। पृथ्वी के सबसे समीप मौजूद तारे अर्थात सूर्य को इसी वर्ग में शामिल किया गया है।